मंगलवार, 10 जुलाई 2007

फैजाबाद में हुई हिन्‍दी-ब्‍लागरों की गोष्‍ठी

पिछले 6 जुलाई, 2007 को जनपद फैजाबाद में शहीद उद्यान में हिन्‍दी-ब्‍लागरों ने आपस में चर्चा का अवसर निकाल ही लिया। दरअसल मौका था हिन्‍द-युग्‍म के ब्‍लाग-नियंत्रक शैलेश भारतवासी का जनपद फैजाबाद आगमन... हालांकि वक्‍त भी कम और उन्‍हें दो घण्‍टे में सुलतानपुर रवाना होना था.. मगर आनन-फानन में यह तय हुआ कि थोड़ी देर के लिए ही सही मगर कुछ देर बैठ कर साहित्‍य-चर्चा की जाये।
आपस में परिचय के उपरान्‍त चर्चा के आरम्‍भ में महेन्‍द्र उपाध्‍याय ने साहित्यिक क्षेत्र में फैली हुई खेमेबाजी को लेकर अपनी चिन्‍ता व्‍यक्‍त की। फिर चर्चा ने वर्तमान में हिन्‍दी ब्‍लागिंग के महत्‍व एवं उसके तकनीकी पहलुओं की तरफ मोड़ लिया। आनन्‍दस्‍वरूप गौड़ आनन्‍द ने कहा कि हिन्‍दी चिट्ठाकारी अभिव्‍यक्ति का एक सशक्‍त माध्‍यम है। उन्‍होंने कहा कि कस्‍बाई एवं छोटे शहरों के लोगों में अत्‍यधिक सर्जनात्‍मकता छुपी है। आवश्‍यकता इस बात की है कि उन्हें पर्याप्‍त मिले। चर्चा में इस बात बल दिया गया कि फैजाबाद जैसे कमिश्‍नरी स्‍तर के जनपदों में हिन्‍दी ब्‍लागरों की बैठक आयोजित की जाये। शैलेश भारतवासी ने हिन्‍दी ब्‍लागिंग के अपने अनुभवों के सम्‍बन्‍ध में लोगों के साथ चर्चा की और उसके तकनीकी पहलुओं के सम्‍बन्‍ध में अवगत कराया। उन्‍होंने कहा कि चिट्ठाकारी आने वाले समय में रचनात्‍मक ऊर्जा के उपयोग का एक सशक्‍त माध्‍यम बनने जा रही है। गोष्‍ठी में पाडकास्टिंग के सम्‍बन्‍ध में लोगों की उत्‍सुकता रही। अन्‍त में, धन्‍यवाद ज्ञापन के साथ गोष्‍ठी समाप्‍त हुई।

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भंगिमा

भंगिमा
द्वारा आनन्‍दस्‍वरूप गौड़